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मांझी के बयान पर बिहार की सियासत गरम, विपक्ष जांच की मांग पर अड़ा, सत्ता पक्ष बचाव में उतरा
- Reporter 12
- 22 Dec, 2025
पटना/जहानाबाद: केंद्रीय मंत्री और ‘हम’ पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी के एक वायरल वीडियो ने बिहार की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। बयान सामने आते ही विपक्षी दल हमलावर हो गए हैं और मामले में चुनाव आयोग से जांच से लेकर एफआईआर तक की मांग उठने लगी है। वहीं सत्ता पक्ष इसे गलत तरीके से पेश किया गया बयान बता रहा है।
राजद विधायक राहुल कुमार ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर मांझी के बयान में सच्चाई है तो चुनाव आयोग को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामला बेहद गंभीर है क्योंकि बयान देने वाले व्यक्ति स्वयं केंद्रीय मंत्री हैं और उनका परिवार सत्ता में अहम भूमिका निभा रहा है।
“हर पहलू की हो निष्पक्ष जांच”
जहानाबाद के लालसेबिगह गांव में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह मांझी के आधिकारिक प्लेटफॉर्म से साझा किया गया है। ऐसे में यह कहना कि वीडियो को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने चुनाव आयोग से पूरे प्रकरण पर विस्तृत जांच और सार्वजनिक रूप से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की, साथ ही व्हाइट पेपर जारी करने की भी बात कही।
विधानसभा अध्यक्ष का पलटवार
दूसरी ओर, बिहार विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए मांझी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री के बयान को गलत संदर्भ में लिया जा रहा है। उनके मुताबिक मांझी का इशारा चुनावी प्रक्रिया के तहत होने वाली रिकाउंटिंग की ओर था, न कि किसी अवैध गतिविधि की ओर।
“प्रक्रिया के दायरे में थी बात”
प्रेम कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि मतगणना के बाद रिकाउंटिंग बिना जिला निर्वाचन पदाधिकारी की अनुमति के संभव ही नहीं होती। ऐसे में डीएम का नाम लिया जाना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है और खुद मांझी ने भी अपनी बात साफ कर दी है।
राजनीतिक हलकों में हलचल तेज
एक तरफ विपक्ष इस मुद्दे को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जोड़कर गंभीर मामला बता रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इसे राजनीतिक शोर करार दे रहा है। आने वाले दिनों में यह विवाद चुनाव आयोग और राजनीतिक मंचों पर और तेज होने के संकेत दे रहा है।
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